
बैठने की जगह को लेकर अंसुष्ट दिखे संत
नाशिक:
भगवान हनुमान के जन्मस्थान को लेकर विवाद की स्थिति बनी है. वहीं अब नाशिक में शास्त्रार्थ शुरू होने के पहले आसन और बैठने पर विवाद उपजता दिख रहा है. दरअसल नाशिक और त्रयंबकेश्वर के धर्माचार्यों ने कर्नाटक से आए गोविंदानंद सरस्वती के सोफे पर बैठने की व्यवस्था और स्थानीय संतो को नीचे गद्दे पर बैठाने का विरोध किया. सभी कह रहे हैं हम चर्चा करने के लिए आए हैं लेकिन कोई एक दूसरे की सुनने को तैयार नहीं है.
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त्रयंबकेश्वर के अनिकेत शास्त्री का कहना है कि सब की व्यवस्था सम समान होनी चाहिए. जबकि गोविंदनंद का कहना है मैं एक घंटे से खड़ा था , तब तक कोई नही आया. मैं सोफे पर बैठा तब आकर हंगामा कर रहे हैं, मैं नीचे बैठने को तैयार हूं. लेकिन इन लोगों के पास प्रमाण नही है तो आसन का बहाना बना रहे हैं. हालांकि बहिष्कार की धमकी पर कर्नाटक के गोविंदानंद सरस्वती भी नीचे जमीन पर बैठने को तैयार हुए. अब सभी साधु संत नीचे बैठकर चर्चा के लिए तैयार हो गए हैं. आखिरकार अब शास्त्रार्थ की शुरआत हो रही है.
आपको बता दें कि महंत गोविंदानंद महाराज नाशिक के त्रयंबकेश्वर में आए हुए हैं और अपनी बात को प्रमणित करने के लिए उन्होंने त्रयंबकेश्वर के स्वामी और संतों को शास्त्रार्थ की चुनौती दी है. आज यानी 31 मई को त्रयंबकेश्वर (Nasik Dharma Sansad) में शास्त्रार्थ है. त्रयंबकेश्वर के महंत अनिकेत शास्त्री महाराज अंजनेरी में हनुमानजी के जन्म का प्रमाण देंगे.
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