योगिनी एकादशी (Yogini Ekadashi) के दिन भगवान विष्णु को खीर का भोग लगाना बेहद खास और शुभ माना गया है. भक्त इस दिन चावल के खीर में तुलसी (Tusli) का पत्ता डालकर भगवान विष्णु को भोग लगाते हैं मान्यता है कि खीर के इस उपाय से प्रभु प्रसन्न होते हैं और भक्तों की इच्छा पूरी करते हैं. हालांकि इसमें इस एक बात का खास ध्यान रखा जाता है कि एकादशी के दिन तुलसी का पत्ता नहीं तोड़ा जाता है. एक दिन पहले तुलसी का पत्ता तोड़ सकते हैं.
भगवान विष्णु (Lord Vishnu) को पंचामृत (Panchamrit) बेहद प्रिय है. एकादशी के दिन भगवान विष्णु को पंचामृत से अभिषेक (Panchamrit Abhishek) किया जाता है. माना जाता है कि ऐसा करने से धन में वृद्धि और प्रत्येक इच्छा पूरी होती है.
योगिनी एकादशी (Yogini Ekadashi) के दिन भगवान विष्ण को दक्षिणावर्ती शंख से जल अर्पित करना अच्छा माना जाता है. भगवान की पूजा के बाद पीले चावल, चने की दाल, गुड़, केला, वस्त्र इत्यादि वस्तुओं का दान करना शुभ माना गया है. ऐसा करने पर भगवान विष्णु की कृपा से सुख और समृद्धि में वृद्धि होती है.
योगिनी एकादशी (Yogini Ekadashi) की शाम में तुलसी की पूजा (Tulsi Puja) की जाती है. साथ ही तुलसी के नीचे घी का दीपक जलाया जाता है. इसके बार कम से कम 11 बार तुलसी की परिक्रमा की जाती है. कहा जाता है कि ऐसा करने से धन-धान्य में बढ़ोतरी होती है.
एकादशी के दिन पीपल को जल अर्पित करने के बाद वहां दीपक जलाया जाता है. मान्यता है कि पीपल में भगवान विष्णु का वास होता है. योगिनी एकादशी के दिन ऐसा करने पर भगवान विष्णु का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है.
योगिनी एकादशी 2022 मुहूर्त | Yogini Ekadashi 2022 Shubh Muhurat
एकादशी तिथि आरंभ- 23 जून, रात 09 बजकर 41 मिनट पर
एकादशी तिथि का समापन- 24 जून, रात 11 बजकर 12 मिनट पर
पारण समय- 25 जून, सुबह 05 बजकर 41 मिनट से सुबह 08 बजकर 12 मिनट तक
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)